मैं पापन ऐसी जली--भाग(२)

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सरगम ने जब सुना कि दीपा अब इस दुनिया में नहीं रही तो उसे उस बात का बहुत दुःख हुआ,वो कुछ दिनों तक केवल दीपा के बारें में सोचती रही और एक दिन अपनी माँ सुभागी से बोली.... माँ!दीपा को अगर उसके ससुराल ना भेजा जाता तो शायद आज वो जिन्दा होती,है ना! तब उसकी माँ सुभागी बोली..... बिटिया!ये जग ऐसा ही है,एक बार बेटी के हाथ में मेंहदी रच जातीं है ना तो वो अपने माँ बाप के लिए बिल्कुल पराई हो जाती है.... तुम भी मेरे साथ ऐसा ही करोगी,सरगम ने पूछा... ना...बिटिया!हम तो उस दिन दीपा के