महान सोच - भाग 5 (मायका) आर० के० लाल वैसे तो भाई बहन का रिश्ता अपने आप में बेहद अनूठा और अटूट होता है मगर बहन का रिश्ता तय होते ही भाई भी सोचने लगते हैं कि चलो एक लाइबिलिटी से मुक्ति मिलेगी और उसके बहन के हिस्से वाली घरेलू सुविधाएं भी उन्हें मिलने लगेगी। आज बहन को लेकर पवन और विजय दोनों सुबह से लड़े जा रहे थे। तर्क कुतर्क के बीच दोनों एक ही बात की रट लगाए थे कि दीदी के जाने के बाद उसका कमरा उन्हें मिलना चाहिए। पवन का तर्क था, “ चूंकि वह