लेकिन माया सब से कटी हुई थी। वह किसी से नही बोलती थी।उसने एक कामवाली रख रखी थी।जो सुबह आती थी।माया दस बजे से पहले निकलती और शाम को 7 बजे तक वापस लौटती।उसके बाद वह अपने घर मे ही बन्द रहती।सन्डे को उसके ऑफिस का ऑफ रहता।छुट्टी वाले दिन वह प्राय घर से बाहर कम ही जाती थी।शुरू में जब वह इस फ्लेट में आई तब सोसायटी की औरतों ने उससे सम्पर्क जोड़ने का प्रयास किया पर उसने इसमें कोई रुचि नही दिखाई थी।सोसायटी में होने वाले। आयोजन और औरतों की किटी पार्टी में तो जाने का सवाल ही