एक समय की बात है, भारत की पहाड़ियों के बीच बसे एक छोटे से गाँव में काव्या नाम की एक युवा लड़की रहती थी। वह प्यारी और मासूम थी, उसकी मुस्कान अंधेरे से अंधेरे दिनों को भी रोशन कर सकती थी। काव्या अपने माता-पिता के साथ रहती थी, जो किसान के रूप में काम करते थे, गाँव के बाहरी इलाके में एक छोटे से मिट्टी के घर में। काव्या के लिए जीवन सरल था। उसने अपना दिन खेतों में अठखेलियाँ करते हुए, तितलियों का पीछा करते हुए और अपने माता-पिता को उनकी फसलों की देखभाल में मदद करने में बिताया।