महान सोच- भाग 3 (अंतिम संस्कार) आर0 के0 लाल भाईजी! राम राम, कहां घूम रहे हैं इतने दोपहर में? बड़ी तेज धूप है। आइए कुछ ठंडा पीते जाइए। बलवन्त ने दिनेश को देखते हुए पुकारा। दिनेश ने उत्तर दिया कि वे इस समय नहीं आ सकते क्योंकि वे बर्निंग घाट से आ रहे हैं और बर्निंग घाट से वापस लौटने पर किसी दूसरे के घर नहीं जाया जाता। उन्होंने बताया कि पार्क के सामने रहने वाले वाले उमेश दुबे का स्वर्गवास कल सुबह ही हो गया था। उमेश दुबे अपनी पत्नी के साथ अकेले रहते थे। उनका एक ही