बहुत दिनों से रुद्रांश एक मकान तलाश रहे थे । वे अपनी पत्नी रश्मि और अपने पेरेंट्स के साथ इस शहर में एक किराए के मकान में गुजारा कर रहे थे। शादी के बाद से ही रश्मि और रुद्रांश दोनों अपना अलग एक ऐसा आशियाना बनाना चाहते थे, जिसमें वे सपरिवार सुख-शांति से रह सकें। दोनों ही ज्वाइंट फैमिली के समर्थक थे। दोनों की सैलरी का पैकेज काफी अच्छा था । उन्हें मकान खरीदने के लिए पैसे की कोई दिक्कत नहीं थी। सैलरी देख कर कई बैंक लोन देने को तैयार थे लेकिन रुद्रांश को कोई कायदे का बड़ा मकान