ज़िंदगी की नई यात्रा शुरू होने का यह चरण उत्साह भरा होता है। नए शहर के अजनबी मोहल्लों की गलियों में खोजते हुए, मुकुल एक दिन शहर के एक प्राकृतिक पार्क में खड़े हो जाते हैं। वहां के सुंदर वातावरण में गुमनाम होकर वह आत्म-विचार में खो जाते हैं। वहां बैठी एक लड़की जिसका नाम विद्या है, कलम से कुछ लिख रही होती है। मुकुल उसकी कलम के चंगुल में आ जाते हैं और विद्या की लेखनी से मिलते हैं।"क्या आपको यहां बिलकुल भी अकेलापन महसूस नहीं होता?" विद्या ने पूछा।"हाँ, कभी-कभी," मुकुल ने ऊपर देखते हुए कहा, "लेकिन शायद