गुलाबो - भाग 14

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भाग 14गुलाबो मन ही मन रोज सपने संजोती की अब वो यहां से चली जायेगी। बच्चे का गहरा रंग उसे भी अच्छा नहीं लगता था। पर अपनी औलाद थी इस लिए स्वीकार करना ही था। पर वो मन ही मन सोचती शहर जाऊंगी तो खूब अच्छी अच्छी क्रीम खरीद कर मुन्ने को लगाऊंगी तो जरूर इसका रंग साफ हो जाएगा। ये सोच कर गाढ़े रंग का मलाल थोड़ा कम हो जाता।विश्वनाथ जी जितनी छुट्टियां ले कर आए थे उससे ज्यादा रुक गए थे। अब बस जल्दी से जल्दी जाने की तैयारी थी। जाने की तैयारियों में गुलाबो का ध्यान लगा