वेद, पुराण, उपनिषद चमत्कार या भ्रम - भाग 2

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वेद-पुराण-उपनिषद चमत्कार या भ्रम भाग 2   गुरु : श्रुति का शाब्दिक अर्थ है, सुना हुआ. वेदों को पहले लिखा नहीं जाता था, क्योंकि तब तक कागज़ का आविष्कार नहीं हुआ था. इनको गुरु अपने शिष्यों को सुनाकर याद करवा देते थे, और इसी तरह यह परम्परा आगे चलती रहती थी.   तत्कालीन समाज में किसी भी नियम को पुर्ण प्रमाणिक बनाने या लागू करवाने के लिए उसे भगवान् से जोड़ देते थे. श्रुति वचन को बताया गया है कि, यह परमात्मा की वाणी है, इसे सबसे पहले परमात्मा ने ध्यानमग्न ऋषियों को उनके अन्तर्मन में सुनाया था. इस तरह