कुछ बाते!

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कुछ बाते है,,,आज भी जो देखती हूँ कहने का मन कह रहा है,,,, पुरुषवादी सोच,,,,अधिकतर पुरुष..... हा तो मैं मर्द तो कुछ भी कर सकता हूँ,,, हर किसी को दबा कर रख सकता है,,,, हूँ स्त्रियो को अपनी पैर समझता हूँ,, उन पर हाथ उठा सकता,, भरी महफ़िल में उनको अपमानित कर सकते है,,, स्त्रियो का बेमतलब पीछा करना,, गन्दे गन्दे टिप्पणी करना उनको looks चाल को लेकर बेहद अपमान जनक बाते करना,,,,,,,,,,, और हाँ उनका प्यार ना मिले तो तेजाब फ़ेकना, उनको ब्लैकमेल करना, जोर जबरदस्ती करना,, गलिया देना इत्यादि ........एक कहावत मुझे ना अक्सर सुनने को मिल जाती