बांसुरी की धुन

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बांसुरी की धुन हरीराम बनारस में गुलाब की पत्तियों को पीसकर गुलकंद बनाने का काम करता था। बनारस में उसकी गुलकन्द दूर - दूर तक मशहूर थी। उसके एक बेटा और एक बेटी थी। बेटी का नाम सुकन्या था... बेटी गुलकंद बनाने में अपने पिता का पूरा साथ देती थी और इस काम में अपने पिता की तरह माहिर थी। सुकन्या की स्कूल में पढ़ाई के साथ - साथ नृत्य कला गायन कला और वाद्य कला का अभ्यास कराया जाता था। सुकन्या ने वाद्य कला में बांसुरी का चुनाव किया और उसमें वह पूरी तरह निपुण हो गई थी, स्कूल