ठाकुरजी की भाभी

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"ठाकुरजी की भाभी" एक लडकी थी जो कृष्ण जी की अनन्य भक्त थी, बचपन से ही कृष्ण भगवान का भजन करती थी, भक्ति करती थी, भक्ति करते-करते बड़ी हो गई, भगवान की कृपा से उसका विवाह भी श्रीधाम वृंदावन में किसी अच्छे घर में हो गया। विवाह होकर पहली बार वृंदावन गई, पर नई दुल्हन होने से कही जा न सकी, और मायके चली गई। फिर वो दिन भी आ गया जब उसका पति उसे लेने उसके मायके आया, अपने पति के साथ फिर वृंदावन पहुँच गई। पहुँचते पहुँचते उसे शाम हो गई, पति वृंदावन में यमुना किनारे रूककर कहने