दीनू की डायरी

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दीनू की डायरी   अपनी घुमक्कड़ प्रवृति के अनुसार ही आज एक बार फिर संदेश किसी अनजानी सी डगर पर निकल पड़ा था। अनजान राह अनजान डगर, मिशन कुछ नया जानने ओैर खोजने का! आज वो चलता जा रहा था लेकिन मन को कोई डगर जंची नहीं थी इसलिए वो बिना रूके बढ़ता जा रहा था अपनी गाड़ी में बैठा, गाँव की कच्ची-पक्की सड़कां पर संदेश की संदेश की गाड़ी हिचकोले खाती चलती जा रही थी अचानक ही एक जगह उसे भीड़ नजर आई। उसने सोचा चलो देखा जाय क्या हो हुआ है। वो एकदम अनजाने लोगों के बीच जा