नाना साहब पेशवा

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नाना साहब पेशवा जयंती: धूंधूपंत को कभी पकड़ नहीं पाई थी अंग्रेजी सेना, जनक्रांति की चिंगारी बनी थी ज्वालावनाना साहब पेशवा ने वर्ष 1857 में जो चिंगारी जगाई वो 1947 में आजादी प्रदान करने वाली ज्वाला बनी। इन्हीं के आंगन में खेलकर झांसी की रानी ने शौर्य का कौशल सीखा था। नाना साहब पेशवा को अंग्रेजी सेना आजीवन पकड़ नहीं पाई।नाना साहब पेशवा जयंती: धूंधूपंत को कभी पकड़ नहीं पाई थी अंग्रेजी सेना, जनक्रांति की चिंगारी बनी थी ज्वालाकानपुर, जागरण संवाददाता। प्रथम स्वाधीनता संग्राम में कानपुर और बिठूर से जुड़ी तमाम यादें देशवासियों को क्रांतिकारियों की वीरता और शौर्य से