श्री चैतन्य महाप्रभु - 8

  • 4.5k
  • 3.3k

जगाइ-माधाइ का उद्धारएक दिन प्रभु श्रीगौरसुन्दर ने श्रीहरिदास ठाकुर एवं श्रीमन् नित्यानन्द प्रभु को घर-घर जाकर लोगों को कृष्ण नाम करने का उपदेश प्रदान करने का आदेश दिया। प्रभु के आदेश को शिरोधार्य कर वे दोनों आनन्द से कृष्ण नाम का प्रचार करने के लिए चल पड़े। प्रचार करते-करते एक दिन उन्होंने एक स्थान पर मार्ग में दो शराबियों को शराब पीकर नशे में धुत्त देखा। कभी वे एक-दूसरे को गाली-गलौज कर रहे थे, कभी एक दूसरे से मारपीट कर रहे थे, तो कभी एक दूसरे का आलिङ्गन कर रहे थे। इस दृश्य को देखकर जब नित्यानन्द प्रभु ने आस