सच्ची भक्ति

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सच्ची भक्ति एक बहुत बड़े देश का राजा था उस के देश में एक गरीब सा आदमी रहता था। वो राजा को जब भी किसी बड़े आदमी से हाथ मिलाते देखता तो मन ये विचार लाता कि काश मैं भी राजा से हाथ मिला सकता।धीरे - धीरे उस की ये तम्मना बढ़ती गई। फिर एक दिन उसने ठान लिया कि चाहे कुछ हो जाये मैं राजा से हाथ मिला कर रहूँगा।एक दिन वह आदमी किसी संत के पास गया और अपनी इच्छा बताई। तब संत जी ने कहा कि इस के लिए तुझे सब्र और मेहनत करनी पड़ेगी, क्रोध, लालच