दिल का दरवाजा

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"दिल का दरवाजा....लगभग तीन साल बाद अपने मायके आना हुआ था रानी का .....स्टेशन से टैक्सी लिए वह अपने मायके उस घर जल्द से जल्द पहुंचना चाहती थी जहां उसका जन्म हुआ जहां वह खेलते कूदते अपने सुनहरे बचपन को जीते हुए बडी हुई थी .....मां बाबूजी के स्वर्ग वास के बाद लगभग तीन साल तक वो यहां आ ही नहीं पाई ....पहले पति का नये शहर में ट्रांसफर ....और फिर वहां घर गृहस्थी रमाने के लिए व्यस्त रही तो अगले साल उसकी बेटी के जन्म के चलते वह पूरा साल नहीं आ पाई ....असल मे मन भी नहीं था