गुलाबो - भाग 12

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भाग 12गुलाबो प्रसन्नता से विजय का लाया सामान देख रही थी। कभी वो अपने हाथ हिला कर चूड़ियां खनकाती तो कभी विजय की लाई हुई लिपिस्टिक होठों पर लगाती। उसने सुरमा भी अपनी आंखो में सजा लिया। विजय गुलाबो को देख कर प्रेम से सराबोर हो रहा था। गुलाबो ने देखा विजय मुग्ध है उसे देख कर। यही सही वक्त है अपनी बात रखने का। विजय कभी नही टालेगा उसकी बात। तभी गुलाबो इठलाते हुए उलाहना देते हुए बोली, "देखो जी.! मुझसे अम्मा का चिक चिक नही सहा जाता। वो हर बात में मुझे सुनाती रहती है। अब तुम बताओ...क्या