Prem Ratan Dhan Payo - 11

  • 3.8k
  • 2.3k

कोकिला बाई उठते ही बोली ' सारी दुनिया बस औरत पर बस इलज़ाम लगाती हैं । मर्द के खर्चे भी कुछ कम नही । चांद जैसी बीवी को छोड़कर कांटों से भरे गुलाब की ख्वाहिश लिए बैठे हैं । वाह रे दुनिया बनाने वाले चुन चुनकर नमूने भेजे हैं इस धरती पर । " कोकिला बाई मूंह बनाते हुए अपने कमरे की ओर बढ गई । गिरिराज रागिनी के कमरे में चला आया । उसे इस वक्त कमरे में कोई नज़र नहीं आया । दरवाजा बंद करने की आवाज जब उसके कानों में पडी तो उसने पलटकर देखा । रागिनी