जीवन का किस्सा

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मैं बहुत शांति से डायनिंग टेबल पर बैठा हुआ था , और किचन से आती हुई खुशबू को महसूस कर रहा था... लग रहा था कि अगले ही पल खाने की थाली आएगी..... गुस्सा धीरे - धीरे शांत होता जा रहा था डाइनिंग टेबल पर आने से पहले मेरा पत्नी से भयंकर झगड़ा हुआ था। मैंने कहा था, " पहले अपने आप को देख लो... तुम कैसी लगती हो... हर वक्त चपड़ - चपड़ इसके अलावा कोई काम नहीं,, हर चीज की पूछताछ करना.. क्या.. सब के सब एक से ही हो,, मुझे लगता है यह खानदानी लक्षण हैं""शुक्र मनाओ