राधारानी की तुलसी सेवा एक बार राधाजी सखी से बोलीं–‘सखी ! तुम श्री कृष्ण की प्रसन्नता के लिए किसी देवता की ऐसी पूजा बताओ जो परम सौभाग्यवर्द्धक हो ?’ तब समस्त सखियों में श्रेष्ठ चन्द्रनना ने अपने हृदय में एक क्षण तक कुछ विचार किया। फिर बोली चन्द्रनना ने कहा–‘राधे ! परम सौभाग्यदायक और श्रीकृष्ण की भी प्राप्ति के लिए वरदायक व्रत है, ‘तुलसी की सेवा’ तुम्हे तुलसी सेवन का ही नियम लेना चाहिये। क्योंकि तुलसी का यदि स्पर्श अथवा ध्यान, नाम, संकीर्तन, आरोपण, सेचन, किया जाये तो महान पुण्यप्रद होता है। हे राधे ! जो प्रतिदिन तुलसी की नौ