लंदन का हाईगेट कब्रिस्तान में किसी मुर्दे को दफनाया नहीं जाता हैं. आत्माएं, पिशाच और प्रेत पूरी तरह स्वतंत्र हैं. वह किसी को ना तो दिखाई देते हैं और ना ही उन्हें कहीं भी आने-जाने से रोका जा सकता है. वह जब चाहे इंसानी दुनिया को अपना ठिकाना बना सकते हैं और अगर कोई उनकी राह में बाधा पहुंचाने का काम करता है तो वह उसे अपने उद्देश्य में सफल नहीं होने देते. खंडहर हो चुकी इमारतों और श्रापित जगहों पर तो रूहों का कब्जा होता ही है लेकिन इंसानी जीवन का अंतिम पड़ाव कहे जाने वाले कब्रिस्तान में इनका