गगन के दोनों बड़े भाइयों ने अपने गांव से थोड़ा दूर अपनी हवेली को नदी के आसपास बनवा रखा था। गगन के दोनों भाई और दोनों भाभियां और खुद गगन जब अपने परिवार के साथ बैठकर रात का खाना खाता था, तो नदी से ठंडी ठंडी हवा उनकी हवेली की खिड़की से हवेली के अंदर आती थी। और चांदनी रात में नदी का नजारा और खूबसूरत हो जाता था।प्रकृति का यह सुंदर नजारा देखकर गगन के दोनों भाई भाभियों और गगन को खुद बहुत सुकून मिलता था। गगन के दोनों भाई कम पढ़ेेेे लिखेे थे, इसलिए गगन ही उनके कारोबार