मन माखन

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मन माखन माखन क्या है ? मन ही माखन है. भगवान को मन रूपी माखन का भोग लगाना है. क्योकि भोग तो भगवान लगाते है भक्त तो प्रसाद ग्रहण करता है, इसलिए हम भोक्ता न बने, बस मन माखन जैसा कोमल हो, कठोर नहो. कहते है न"संत ह्रदय नवनीत समाना",अर्थात संतो का ह्रदय नवनीत अर्थात माखन के जैसा कोमल होता है इसलिए भगवान संतो के ह्रदय में वास करते है. और वे उनके ह्रदय को ही चुराते है. अगर हमारा मन नवनीत जैसा है, तो भगवान तो माखन चोर हैं ही. वह हमारा मन चुरा ले जायेगे.माखन को नवनीत भी