थोड़ी शर्म करो जी...कहते हैं... किसी के घर की साफ़ सफाई के बारे में जानना हो तो उसका वाशरूम देखिये। और किसी के दिल को देखना हो तो उसके घर के बर्तनों और खिलाने के अंदाज को देखिये।अपने घर के पुराने बर्तनों को देख कर अक्सर मुझे बहुत हैरानी होती है। थाली , चम्मच, गिलास, कटोरी, तवा, परात, छन्ना |सब कुछ बड़े आकार में। माना कि पहले संयुक्त परिवार थे। खाना बनाने के लिए बड़े बर्तनों की जरुरत थी।लेकिन खाना खाने के लिए भी बड़े बड़े बर्तन किसलिए? इन बर्तनों में तो आज के आदमी को शायद दुबारा खाना मांगने