उस रात का सच

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उस रात का सच वह लड़की का हाथ पकड़े, उसे प्लेटफार्म से खींचते हुए बाहर ले जाने की कोशिश में लगा हुआ था। लड़की रोते हुए, छूटने के लिए पूरी ताकत लगा रही थी। एक महिला बिलखती हुई उसके पीछे - पीछे चल रही थी। अचानक लड़की उस आदमी के हाथ से छूट गई। लड़की दौड़ने लगी। वह पीछे - पीछे दौड़ा और उसने उसे पकड़ लिया।"क्या कर रहे हो ? क्या हो गया ?" एक यात्री ने उसे टोका। " तुम चुप रहो। मैं इसका बाप हूँ। यह इसकी माँ है। तुमको कुछ मालूम नहीं है। अपना काम करो।"