साथ जिंदगी भर का - भाग 50

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आस्था अपनी मीटिंग खत्म करके न्यूयॉर्क आने लगी वैसे तो उसने अपने आपको सबके सवालों के लिए prepare कर लिया था फिर भी वह बेचैन थी और उसकी बेचैनी की बजाए उसके कुंवरजी थे उसे डर था कहीं उसके सामने आते ही मैं अपना सब्र ना खोदे नहीं आस्था यू हैव टू स्ट्रॉन्ग जस्ट रिमेंबर दैट कि उन्होंने तुम्हारी बात नहीं मानी थी कितनी रिक्वेस्ट की थी तुमने फिर भी उन्होंने किया ना तुम्हें दूर अपने आप से सो यू हैव टो स्टे अवे फ्रॉम हिम अपने आप से वही बात दोहराई और अपनी आंखें बंद कर ले उसके सामने