आस्था चलिए डिनर पर सब आपका इंतजार कर रहे हैं एकांश ने कमरे के अंदर आते हुए कहा जी चलिए आस्था एकांश की और बढ़ गई उसने अब भी अपने आप पर काला रंग लगाया हुआ था जिसे देख एकांश को बुरा लगा लेकिन उससे कुछ बोला ही नहीं गया वह दोनों साथ में नीचे आ गए बाकी सभी घरवालों को भी आस्था को अपने पुराने लुक में देख कर हैरान हो गए उन्हें लगा था कि आस्था अब काला रंग नहीं अपनाए कि वह कुछ कहने ही वाले थे तभी एकांश ने इशारे से सबको चुप रहने को कहा