साथ जिंदगी भर का - भाग 24

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आस्था क्या हुआ आप ऐसे क्यों भाग रहे हैं दादीसा नहीं कुछ नहीं हमें लेट हो रहा है ना बस इसीलिए आस्था है किसी तरह अपनी फूली हुई सांसों को कंट्रोल करते हुए कहा आराम से बेटा चोट लग जाएगी ना और वैसे भी अभी वक्त है कॉलेज के लिए दादीसा अब जाएं आस्था ने कहा लेकिन नजर अभी भी एकांश के कमरे की ओर ही थी हां जाओ दादी सा आस्था अपने कमरे में आ गए झट से दरवाजा लगाया और उसे टिक कर खड़े हो गए शिव जी यह सब क्या था और हमारा दिल इतना क्यों धड़क