उरंगम रोनित ने दिल्ली विश्वविद्यालय में बी एस सी प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया विश्वविद्यालय द्वारा आवंटित डिग्री कॉलेज में एडमिशन लिया ।सत्र शुरू होने पर कॉलेज जाना प्रारम्भ करता है दिल्ली में उसे जानने पहचानने वाला कोई नही था।गांव से वह सीधे देश कि राजधानी भारत के दिल दिल्ली कि चकाचौंध में आकर उंसे अक्सर भ्रम भय लगता अंतर्मन भीड़ और शोर में खोया खोया रहता बार बार उसे अपना गांव सागर पाली पूर्णिया बिहार कि याद आता। गांव बचपन के दोस्त माटी कि सोंधी खुशबू उंसे परेशान करती अपनी ओर आकर्षित करती रोनित का मन कभी कभी पढ़ाई