प्यार का बुख़ार - 4

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प्रतिक्षा ने आदित्य के दिल को जीत लिया था। उनकी मुलाक़ात के बाद से ही उनके बीते हुए दिन उन्हें एक नई ज़िंदगी जीने के लिए रंगीन कर रहे थे। रोमांटिक बातें और मीठी सी मुस्कान, ये सब उनके बीच गहराई से जुड़ रहा था। जैसे एक पुरानी कहानी का आगे का अध्याय शुरू हो रहा था।एक शाम, जब आदित्य और प्रतिक्षा अपनी प्रेम भरी दुनिया में खोए हुए थे, उन्होंने एक पार्क में मिलने का निर्णय लिया। पार्क में पहुंचकर वे एक बैंच पर बैठे और आपस में बातचीत करने लगे। धूप उनकी त्वचा को स्पर्श कर रही थी,