*सात जन्म का रिश्ता* लीला का पति जवानी में चल बसा आठ साल के इकलौते बेटे के साथ लीला जीवन व्यतीत करने लगी। उसने पति की अस्थियां गंगा में एक साथ विसर्जित नहीं की हर साल थोड़ी थोड़ी अस्थियां विसर्जित करने जाती रही। लीला का पति के प्रति प्यार इतना अधिक था कि उसे लगता था कि यदि उसने पूरी अस्थियां गंगा में एक साथ विसर्जित कर दी तो उसके पति को मोक्ष मिल जाएगा या फिर दूसरा जन्म मिल जाएगा तो मैं उससे कैसे मिल सकूंगी। धीरे धीरे पंद्रह साल बीत गए अस्थियां भी कम होने लगी वह