तृतीय परिच्छेद बहुत दिनों के पश्चात. एक अर्सा गुज़र गया। ऋतुएँ समाप्त हो गयीं। तारीखें बढकर, हफ़्तों, महीनों और वर्षों में बीत गयीं। समय की पतों में सबकुछ दब गया। बहुत कुछ समाप्त-सा हो चला। दीनापुर का रेलवे स्टेशन बनकर पूर्णत: तैयार हो गया है। वीनस ने इस रेलवे-लाइन को बिछाने में अपने परिश्रम और सूझबूझ का परिचय दिया । … इस प्रकार कि उसकी पदोन्नति हो गयी है। यादों के सिलसिले में बात आयी-गयी हो गयी। प्यार की बातें करनेवाले आगे बढ़ गये। बहुत कुछ भूल भी गये- हालांकि वही दीनापुर है। दीनापुर का वही छोटा-सा गाँव भी है।