भाग -12 अगले दिन उसे हॉस्पिटल ले गई। वह जाने को तैयार ही नहीं हो रहा था। मैंने डॉक्टर से फ़हमीना प्रकरण छुपाते हुए सारी बातें बताईं। डॉक्टर ने वही कहा जिसका मुझे शक था। यह सोचकर कि उसका दिमाग़ दूसरी तरफ़ डायवर्ट हो सके, उसे पूरा दिन हॉस्पिटल में ही रखा। दवा के असर के चलते उस दिन वह पूरी रात आराम से सोया। मगर आगे चल कर चार-पाँच दिन के अंतराल पर यह समस्या बार-बार होने लगी तो उसे एक नामचीन डॉक्टर को दिखाया; फ़हमीना प्रकरण को विस्तार से बताते हुए। क्योंकि मुझे लगा कि समस्या का मूल