अवस्थी हाउस, दिल्ली सुबह के 8:00 बज रहे थे। घर के मुखिया नवीन अवस्थी इस वक्त पूजा करने में लगे हुए थे। पूजा के मंत्र पढ़ते हुए उन्होंने चारों तरफ नजर दौड़ाई जिसे उनकी पत्नी शालिनी ने समझ लिया और वह सीधे अपने बेटे के कमरे में गई जहां उनका बेटा स्वप्निल इस वक्त घोड़े बेचकर पेट के बल आराम से तकिए पर पैर रखे सोया हुआ था। शालिनी जी बिस्तर पर बैठ कर उसके बाल सहलाते हुए बोली "उठ जा बच्चा! तेरे पापा अभी पूजा कर रहे हैं और तुझे ढूंढ रहे हैं। इससे पहले कि उनकी आरती और