ईमानदारी से सिर्फ़ १०० के आगे तीन जीरो ही लगा पाया ….

  • 2.5k
  • 1
  • 876

मैं इंटर करने के बाद आगे पढ़ाई के लिए सोच रहा था, मेरा मन इंजीनियरिंग करने का था, १२ वीं में विषय भी मेरे पास इंजीनियरिंग वाले ही थे. जबकि मेरे पिता जी डाक्टर थे, मैं हमेशा कई विकल्प लेकर चलता था. यांत्रिक इंजीनियर बन गया, २७ साल का अनुभव, लेकिन पुस्तकें लिख रहा हूँ ( आनंद आ रहा हैं). जब मैंने १२ वीं कर ली, एक दिन मेरे पिता जी ने मुझे बुलाया और १०० रुपये देकर कहा इनके आगे सिर्फ़ तुमको जीरो लगानी हैं लेकिन एक शर्त हैं ईमानदारी से …. मैंने १०० रुपये लिये अपनी जेब में