आज पूर्णिमा है, तुम देख रही हो चाँद कितना खूबसूरत दिख रहा है, चाँद की दूधिया रोशनी मे तुम कैसी दिखती होंगी? ऐसा मै उससे हर बार कॉल पर बात करते हुए पूछा करता था, हम एक सुध मे डूबे प्रेमी की तरह बात करते वक़्त चाँद को निहारा करते थे, और उसकी खूबसूरती का आकलन करते हुए वो मुझे बोला करती थी, सुनो ना क्या चाँद बहुत खूबसूरत है, मै मुस्कुराते हुए उसे पूछ लेता था अच्छा बतावो ये जवाब मै चाँद को कैसे दूँ, वो हलकी मुश्काती हुई जवाब देती थी, धत पागल कुछ भी बोलते हो। मै