उपहार

  • 3k
  • 1.5k

क़ाज़ी वाजिद की कहानी - प्रेम कथा सैफ अपने अपने लहराते भूरे बालों, सुन्दर चेहरे- मोहरे और ग्रे आंखों के साथ आश्चर्यजनक रूप से आकर्षक था। आज़ादी से पहले उसके दादा का हाजी एंड संस नाम से सिविल लाइन में फर्नीचर का शोरूम था। वहां अंग्रेज़ अफसर और उच्च वर्गीय लोग फर्नीचर खरीदने आते थे। हाजी जी शहर के अमीरों में गिने जाते थे। सैफ ने एक बार बिना किसी संदर्भ के मुझसे कहा, 'एक पुलिस के दरोगा ने मुझे शोरूम उपहार में दिया। मैंने उसकी ओर आश्चर्य से देखा, तो यह कहानी सुनाने लगा। कैंट में एक फौजियों का