भाग 77 अमन ने घोड़े की जीन के पास के थैले में सारा सामान रख दिया और पुरवा को घोड़े पर बैठने को कहा। पर पुरवा उसे देख कर डर गई थी। वो बोली, "नही.. बाऊ जी..! हम पैदल ही चल लेंगे। हमसे नही बैठा जायेगा। अगर कहीं खाई में कूद गया तो..! नही नही हम नही बैठेंगे।" अमन समझाते हुए बोला, "क्या बचपना है..! क्यों कूद जायेगा खाई में..? ये बहुत सीधा है। हमेशा पुरोहित जी को ले कर इसी रास्ते पर आता-जाता है। चलो नखरा छोड़ो बैठो चुपचाप।" पुरवा डर कर अशोक के पीछे छुप गई। आंखो में