भाग 53 गोली की आवाज सभी ने सुनी थी गांव में पर इन सिपाहियों के डर से सभी अपने अपने घरों में दुबके हुए थे। क्या पता किस पर विद्रोही की मदद का आरोप लग जाए। पर उसकी अम्मा की आवाज पर एक एक कर के गांव के लोगों ने हिम्मत की और अपने अपने घरों से निकल कर बाहर आए। मोहन ने मुन्नी के गालों को अपने हाथों से छुआ और मुस्कुराते हुए बोला, "अम्मा…! अनाथ कहां कर के जा रहा हूं। तुम सब हो न इसकी परवरिश को। मुझे माफ कर देना। पहला फर्ज मेरा भारत मां के