भाग 44 अशोक बोले, "अरे..! नही मेरा वो मतलब नहीं था। क्या मैं देखता नही कि सुबह से शाम तक तुम घर के काम काज में जुटी रहती हो। तुम आराम से करो। मेरा तो ये कह रहा था कि पहले चाय बना देती। फिर चाहे जो करती।" उर्मिला बोली, *आपको चाय ही चाहिए ना। वो तो पुरवा ही बना देगी।" फिर पुरवा को आवाज लगाई। पुरवा किताब पुराना अखबार पढ़ने में व्यस्त थी। जब से अमन ने कहा था कि सिर्फ कॉलेज जाने से ही ज्ञान नही बढ़ता। अगर कॉलेज जाना संभव नहीं है तो खुद भी पढ़ कर