भाग 35 इसके बाद सलमा और साजिद दोनो बाहर बैठक में आ गए। इत्तिफाकन कलमा और शमशाद दोनो मां बेटे बैठे किसी मुद्दे पर सलाह मशवरा कर रहे थे। सलमा और साजिद को देख शमशाद उठ खड़ा हुआ और बड़े ही इज्जत से उन दोनो को बिठाने के बाद बैठा। सलमा कलमा के पास बैठ कर बोली, "आपा…! हमें आए काफी दिन हो गए। सब कुछ हंसी खुशी से निपट गया। अब हमे जाना चाहिए। वहां कारोबार और घर सब कुछ चमन पहली बार संभाल रहा है। परेशान हो जाता होगा। पता नही संभाल भी पा रहा है या नही।