भाग 29 पुरवा इस किताब को पढ़ चुकी थी। इस लिए ये बस यूं ही रक्खी हुई थी। उसे कोई एतराज नहीं था इसे देने में। वो बोली, "कोई बात नही.. आप आराम से पढ़िए। हम पढ़ चुके हैं इसे।" सलमा जो इन दोनो की सारी बातें सुन रही थी बोली, "अमन तुम आराम से पढ़ो। कोई जल्दी नही है इसे वापस करने की। बल्कि कुछ और भी तुम्हारे मतलब की किताबे हो तो ले लो।" अमन घूरते हुए अम्मी को देखा और चुप रहने का इशारा किया कि इतना बे तकल्लुफ नही हो वो। "क्या अम्मी आप भी…! फिर