भाग 13 सब कुछ पूछ कर उर्मिला आश्वस्त हो गई कि चलो पुरवा के बाउजी ने अच्छा घर वर ढूंढा है। क्योंकि पूरी रिश्ते दारी में गुलाब बुआ का बड़ा ही रोब दाब था। क्योंकि वो सब से बीस ही पड़ती थीं। अपनी सगी बुआ से ज्यादा मान जान गुलाब बुआ का था। किसी के भी बेटी का ब्याह हो… वो खाली साड़ी देना अपनी तौहीन समझती थी। साथ में कुछ न कुछ सोने का जरूर होता। उर्मिला ने मन ही मन ऊपर देख कर बोली, बस भगवान..! कोई बाधा ना आए। फिर धनकू के घर की ओर देखा। कहीं