कर्म का विज्ञान - 2

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“जब भी हमारे साथ कुछ भी अच्छा या बुरा होता है तो हम हमेशा यही कहते हैं कि यह सब हमारे कर्मो का ही नतीजा है। दादाश्री कहते है कि हमारा सारा जीवन हमारे ही पिछले कर्मो का नतीजा है। जो कुछ भी हमारे साथ अच्छा या बुरा हो रहा हैं, इसके ज़िम्मेदार हम खुद ही है। इस जीवन के कर्मो के बीज तो हमारे पिछले जन्मो में ही पड़ गए थे और अभी हम जो कुछ भी कर रहे है वह सब अगले जन्मों में रूपक में आएगा। पर क्या हम जानते है कि कर्म क्या है और कर्म बंधन कैसा होता है? उसकी शुरुआत क्या है? पहला कर्म कहाँ से शुरू हुआ? क्या कर