सच्चे दोस्त... उन तीनों को होटल में बैठा देख, रमेश हड़बड़ाहट सा गया... लगभग 22 सालों बाद वे फिर उसके सामने दिखे थे... शायद अब वो बहुत बड़े और संपन्न आदमी हो गये थे... रमेश को अपने स्कूल के दोस्तों का खाने का आर्डर लेकर परोसते समय बड़ा अटपटा लग रहा था... उनमे से दो मोबाईल फोन पर व्यस्त थे और दो लैपटाप पर... रमेश पढ़ाई पूरी नही कर पाया था... उन्होंने उसे पहचानने का प्रयास भी नही किया... वे खाना खा कर बिल चुका कर चले गये... रमेश को लगा