वो बंद दरवाजा - 3

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भाग- 3 अब तक आपने पढ़ा कि सभी लोग हिमाचलप्रदेश की सीमा में प्रवेश कर गए थे। शाम के करीब पांच बज रहे थे। मनाली अब भी दूर था। लगभग एक घण्टा और लग जाना था वहां पहुंचने में। सफ़र इतना खूबसूरत था कि मंजिल की दूरी मायने ही नहीं रख रही थी। सांझ ढलने को थी। पहाड़ी रास्ता औऱ गाड़ी में बजता मधुर संगीत सफ़र को और अधिक ख़ुशनुमा बना रहा था। खिड़की से झाँकते हुए रिनी ने कहा- "जीवन तो पहाड़ों में ही बसता है। हम लोग तो जिंदगी काट रहे हैं, घुटन भरे शहरों में। असल जिंदगी