अंधा इश्क

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अंधा इश्क ---- पण्डित धरणीधर संभ्रांत ब्राह्मण जवार में बहुत इज़्ज़त थी उनकी उनके पास ईश्वर कि कृपा से क्या नही था ।एक भाई कालेज में प्रधानाचार्य खेती बारी कि कोई कमी नही पण्डित जी के परिवार का रसूख चार पांच कोस में था दूसरा कोई ऐसा परिवार नही था जो पण्डित धरणीधर कि बराबरी तक करने कि सोच भी सके ।पण्डित जी को कुल चार औलादे थी तीन बेटियाँ एव एक बेटा पण्डित जी का गांव जनपद तहसील कस्बे से विल्कुल सटा हुआ था पण्डित जी अक्सर शाम बाज़ार में बैठते जब वह घर से बाहर निकलते तब उन्हें