त्रियाची - 18

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भाग 18 प्रणिता- क्यों अब तक तक तो हम आपके लिए बहुत खास थे। अब आपका आधा काम हो गया तो अब आपको हमारी जरूरत नहीं है।  तुषार - हां युद्ध समाप्त हो गया तो अब इन्हें हमारी जरूरत क्यों होगी ?  सप्तक- मुझे अब भी तुम लोगों की जरूरत है, परंतु अब जैसे तुम हो वैसे नहीं। जैसे पहले थे वैसे ही चाहिए।  तुषार - अब हम लोगों में क्या बदल गया है ?  सप्तक- सबसे पहले तो ये जान लो कि जिसे तुम लोग युद्ध कह रहे हो वो युद्ध का एक भाग भी नहीं था। असली युद्ध