सोई तकदीर की मलिकाएँ - 57

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  सोई तकदीर की मलिकाएँ    57 चाँद अपना दामन समेटता हुआ गायब हो गया । तारे पहले ही सोने चल पङे थे । सूर्य देव ने अपना सात घोङों वाला रथ निकाला और जग भ्रमण के लिए चले । देर से सोने के बावजूद जयकौर भोर की पहली किरण के साथ उठ बैठी । नल पर जाकर पानी के छींटे मारे । आँचल के पल्लू से ही मुँह पौंछती हुई जयकौर एक बार फिर दरवाजे से निकल कर गली में निकल आई । गली में लोगों का आना जाना शुरू हो चुका था । लोग उसे वहाँ देख दो